गेहूं में खाद छिड़कने का सही समय और तरीका फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
सही समय पर और सही मात्रा में खाद का उपयोग करने से फसल को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।
गेहूं में खाद छिड़कने का सही समय
1. बुवाई से पहले (बेसल ड्रेसिंग)
- खाद: नाइट्रोजन (यूरिया), फॉस्फोरस (डीएपी), और पोटाश (एमओपी)।
- समय: बुवाई से पहले खेत की जुताई करते समय।
तरीका:
- फॉस्फोरस और पोटाश को डीएपी या सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) के रूप में डालें।
- नाइट्रोजन की कुल मात्रा का 1/3 भाग यूरिया के रूप में मिलाएं।
2. पहली सिंचाई के समय (क्रॉप स्टेज: Tillering)
- समय: बुवाई के 20-25 दिन बाद, जब पहली सिंचाई की जाती है।
- खाद: यूरिया (नाइट्रोजन)।
तरीका:
- 1/3 नाइट्रोजन (यूरिया) को पानी में घोलकर सिंचाई के साथ खेत में डालें।
- खेत में नमी होनी चाहिए ताकि यूरिया प्रभावी हो।
3. दूसरी सिंचाई के समय (क्रॉप स्टेज: Stem Elongation)
- समय: बुवाई के 40-45 दिन बाद।
- खाद: शेष बची नाइट्रोजन।
तरीका:
- यूरिया को छिड़काव या सिंचाई के माध्यम से डालें।
- नमी सुनिश्चित करें।
4. गर्भावस्था चरण (Booting Stage)
- समय: बुवाई के 60-70 दिन बाद, जब बालियां निकलने की प्रक्रिया शुरू होती है।
- खाद: सूक्ष्म पोषक तत्व (जिंक, सल्फर)।
तरीका:
- जिंक सल्फेट या सल्फर का छिड़काव स्प्रेयर द्वारा करें।
खाद डालने के सही तरीके
1. समान रूप से वितरण:
- यूरिया का छिड़काव या सिंचाई के साथ इसे सही अनुपात में खेत में समान रूप से फैलाएं।
- खेत में खाद का असमान वितरण उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
2. खेत की नमी का ध्यान:
- खाद डालने से पहले खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए।
- सूखे खेत में खाद डालने से वह प्रभावी नहीं होगा और पौधों तक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाएंगे।
3. सिंचाई के साथ डालना:
- नाइट्रोजन आधारित खाद को सिंचाई के पानी के साथ डालने से यह पौधों तक जल्दी पहुंचती है।
4. फॉस्फोरस और पोटाश की समय पर आपूर्ति:
- फॉस्फोरस और पोटाश को बुवाई के समय ही डालें, क्योंकि ये धीरे-धीरे घुलते हैं।
5. अत्यधिक उपयोग से बचें:
- खाद का अत्यधिक उपयोग मिट्टी को क्षारीय बना सकता है और फसल को नुकसान पहुंचा सकता है।
सुझाव
- मिट्टी परीक्षण (Soil Testing) कराकर ही खाद की मात्रा तय करें।
- सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक, सल्फर और बोरॉन का भी ध्यान रखें।
- जैविक खाद (कंपोस्ट या गोबर खाद) का उपयोग करें ताकि मिट्टी की उर्वरता बढ़े।
यदि आप क्षेत्र विशेष के हिसाब से सुझाव चाहते हैं, तो बताएं!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें