मंगलवार, 14 जनवरी 2025

गेहूं की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग

गेहूँ की बुवाई रबी में की जाती है, इसलिए स्वाभाविक तौर पर यह ठंडे तापमान को पसंद करने वाली फसल है। गेहूँ की अच्छी वानस्पतिक वृद्धि के लिए ठंडक होना ज़रूरी है; लेकिन अत्यधिक ठंड की वजह से पहली सिंचाई और कहीं कहीं पर दूसरी सिंचाई की वजह से गेहूँ की नीचे की पत्तियाँ पीली हो रही हैं। इसकी वजह से गेहूँ उत्पादक किसान बहुत चिंतित हैं, उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इसका सही कारण क्या है। सही जवाब नहीं मिलने की वजह से किसान चिंतित हैं।

गेहूं की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग

गेहूं की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग:

गेहूं की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनके नियंत्रण के उपाय निम्नलिखित हैं:

1. कंडुआ रोग (Smut Disease)

  1. लक्षण: बालियों में दानों की जगह काले पाउडर जैसा कवक दिखाई देता है।
  2. नियंत्रण:
  3. बीज शोधन करें: कार्बेन्डाज़िम या थीरम 2-3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से लगाएं।
  4. रोग प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग करें।

2. जड़ गलन रोग (Root Rot)

  1. लक्षण: जड़ें सड़ने लगती हैं, पौधे मुरझा जाते हैं।
  2. नियंत्रण:
  3. अच्छी जल निकासी सुनिश्चित करें।
  4. जैविक कवकनाशक, जैसे ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करें।

3. झुलसा रोग (Leaf Blight)

  1.  लक्षण: पत्तियों पर भूरे-भूरे धब्बे दिखाई देते हैं जो धीरे-धीरे बढ़ते हैं।
  2.  नियंत्रण:
  3.  मैनकोज़ेब या कार्बेन्डाज़िम का छिड़काव करें।
  4.  फसल चक्र अपनाएं।

4. गेरुई रोग (Rust Disease)

  1.  लक्षण:
  2.  पत्तियों पर नारंगी या भूरे रंग के छोटे-छोटे धब्बे।
  3.  यह तीन प्रकार का हो सकता है: पत्ती गेरुई, तना गेरुई, और धारी गेरुई।
  4.  नियंत्रण:
  5.  रोग प्रतिरोधी किस्में लगाएं।
  6.  प्रोपिकोनाजोल या ट्रायडिमेफॉन का छिड़काव करें।

5. धानक रोग (Powdery Mildew)

  1.  लक्षण: पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसी परत बन जाती है।
  2.  नियंत्रण:
  3.  सल्फर युक्त फफूंदनाशक, जैसे वेटेबल सल्फर का उपयोग करें।

6. जैविक धब्बा रोग (Spot Blotch)

  1.  लक्षण: पत्तियों और तनों पर बड़े भूरे धब्बे।
  2.  नियंत्रण:
  3.  संतुलित उर्वरक का उपयोग करें।
  4.  रोग ग्रस्त हिस्सों को हटा दें।

7. फसल झुलसन (Loose Smut)

  1.  लक्षण: बालियां पूरी तरह से काली पड़ जाती हैं।
  2.  नियंत्रण:
  3.  बीज शोधन करें।
  4.  रोग मुक्त बीज का उपयोग करें।

8. मोल्या रोग (Karnal Bunt)

  1.  लक्षण: दानों में काले धब्बे और गंध आती है।
  2.  नियंत्रण:
  3.  2-2.5 ग्राम थीरम या कार्बेन्डाज़िम से बीज उपचार करें।

सामान्य रोकथाम उपाय:

  1.  बीज शोधन: बीज को कवकनाशकों और जैविक उपचार से पहले शुद्ध करें।
  2.  फसल चक्र: गेहूं के बाद अन्य फसलों का रोपण करें।
  3.  सिंचाई: जलभराव से बचें।
  4.  नियमित निगरानी: समय-समय पर फसल की निगरानी करें।
किसान भाई इन उपायों को अपनाकर आप गेहूं की फसल को रोगों से बचा सकते हैं।

1 टिप्पणी:

Anita ने कहा…

बहुत बढ़िया