शनिवार, 11 जनवरी 2025

लहसुन की खेती कब और कैसे करें?

लहसुन (Garlic) एक प्रमुख मसाले वाली फसल है जिसकी खेती किसान भाई उचित समय और विधि से करें तो यह अच्छी कमाई का साधन बन सकती है। आइए जानते हैं 

लहसुन की खेती कब और कैसे करें?

लहसुन की खेती कब और कैसे करनी चाहिए


1. लहसुन की बुआई का सही समय

समय: लहसुन की बुआई के लिए अक्टूबर से नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त है।

ठंडी जलवायु में इसकी खेती बेहतर होती है, लेकिन ज्यादा ठंड (पाला) से फसल को नुकसान हो सकता है।

बुआई के समय दिन का तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 10-15 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।


2. जलवायु और मिट्टी का चयन

मिट्टी का प्रकार:

लहसुन की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी (sandy loam soil) सबसे उपयुक्त है।

मिट्टी में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

pH स्तर:

मिट्टी का pH स्तर 6 से 7 के बीच होना चाहिए।

खेत की तैयारी:

खेत की 2-3 बार जुताई करें।

जैविक खाद (गौमूत्र या गोबर खाद) डालकर मिट्टी को उपजाऊ बनाएं।


3. लहसुन की उन्नत किस्में

देशी किस्में:

जमुना सफेद (Jamuna Safed), जी-1, जी-41

हाइब्रिड किस्में:

एग्रीफाउंड व्हाइट (Agrifound White)

यमुनापरास (Yamunaparas)


4. बीज चयन और तैयारी

बीज चयन:

लहसुन की बुआई के लिए ताजा, स्वस्थ और बड़ी कली (cloves) का चयन करें।

बीज की मात्रा:

प्रति हेक्टेयर 500-600 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

बीज उपचार:

बुआई से पहले बीज को 24 घंटे तक गोमूत्र में भिगो दें।

फफूंदनाशक (थायरम या कार्बेन्डाजिम) से बीज को उपचारित करें।


5. बुआई की विधि

खेत में दूरी:

कतार से कतार की दूरी: 15-20 सेमी

पौधे से पौधे की दूरी: 8-10 सेमी

बुआई गहराई:

लहसुन की कलियों को 2-3 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए।

कलियों को नोक ऊपर की ओर रखकर बोएं।


6. सिंचाई और पानी प्रबंधन

पहली सिंचाई:

बुआई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।

सिंचाई अंतराल:

गर्मियों में 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।

ठंड में 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।

पानी भराव से बचाव:

खेत में जल जमाव न होने दें।


7. उर्वरक प्रबंधन

प्राकृतिक खाद:

प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद का उपयोग करें।

रासायनिक खाद:

नाइट्रोजन: 100 किलोग्राम (बुआई के बाद 2-3 बार में दें)

फॉस्फोरस: 50 किलोग्राम

पोटाश: 50 किलोग्राम


8. रोग और कीट प्रबंधन

सामान्य रोग:

ब्लास्ट रोग: लहसुन की पत्तियों पर धब्बे बनते हैं।

उपचार: मैनकोज़ेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

जड़ गलन: जड़ें सड़ने लगती हैं।

उपचार: ट्राइकोडर्मा का उपयोग करें।

कीट नियंत्रण:

थ्रिप्स और सफेद मक्खी: नीम तेल का छिड़काव करें।


9. फसल की कटाई और उपज

कटाई का समय:

बुआई के 4-5 महीने बाद, जब पत्ते पीले होकर सूखने लगें।

कटाई विधि:

हाथों से या हल्के औजार से लहसुन की खुदाई करें।

उपज:

प्रति हेक्टेयर 8-10 टन उपज मिल सकती है।


10. लहसुन का भंडारण

सूखी और हवादार जगह पर लहसुन का भंडारण करें।

भंडारण के दौरान पत्तियों को काटकर हटाएं।


लहसुन की खेती में उचित समय पर देखभाल और सही तकनीकों के उपयोग से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। अगर आप प्राकृतिक खेती पर ध्यान देंगे तो उपज और गुणवत्ता दोनों बेहतर होंगी।

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